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*पुलिस टीम-*
1- उ0नि0 विनोद पंवार
2- कानि0 नीरज रावत
3- कानि0 सुनील मैठाणी
4- कानि0 अनिल तोमर *AHTU व कोतवाली मनेरी की टीम द्वारा ग्रामीणो को साईबर व महिला अपराध के प्रति किया गया जागरुक।*
सामुदायिक पुलिसिंग के अंतर्गत उत्तरकाशी पुलिस द्वारा *श्रीमान पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी महोदया* के निर्देशन में वरिष्ठ नागरिकों से मुलाकात कर उनका हाल-चाल जाना जा रहा है, साथ ही आमजनमानस को नशे के दुष्प्रभाव, साइबर अपराध तथा सामाजिक कुरीतियों के प्रति लगातार जागरुक किया जा रहा है । आज 18 सितम्बर 2025 को उत्तरकाशी पुलिस की *एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट व कोतवाली मनेरी की टीम द्वारा मनेरी क्षेत्रांतर्गत ग्राम नाल्ड मे वरिष्ठ नागरिकों से मुलाकात कर उनकी कुशलक्षेम जानी गयी ग्रामीणों को साईबर, महिला अपराध के प्रति सजग करते हुये साईबर हेल्पलाईन नम्बर 1930 व डायल 112 की उपयोगिता के बारे मे बताया गया। पुलिस टीम द्वारा ग्रामीणों को मानव तस्करी, बाल श्रम, बाल विवाह तथा नशे के दुष्प्रभाव के बारे में भी व्यापक जानकारी दी गयी।*
*लोगों के साथ धोखाधड़ी कर सोना चोरी करने वाले एक अन्तर्राजीय गिरोह को उत्तरकाशी पुलिस ने किया गिरफ्तार*
*पुराने आभूषणों की साफ-सफाई के नाम पर करते थे सोने की चोरी*
*SP उत्तरकाशी द्वारा पुलिस टीम को 5000 रु0 के पुरस्कार से किया गया पुरस्कृत*
कोतवाली उत्तरकाशी पुलिस द्वारा सोने की चोरी करने वाले अन्तर्राजीय गिरोह के 3 अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है, अभियुक्त घर-घर जाकर पुराने आभूषणों की साफ-सफाई करने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी कर सोने की चोरी करते थे।
कल 18 सितम्बर 2025 को मातली निवासी गौरव रावत द्वारा कोतवाली उत्तरकाशी पर एक लिखित तहरीर दी गयी, जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि बीते 17 सितम्बर को उनकी माता जी घर पर अकेले थीं, इसी दौरान एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा घर पर आकर पुराने गहनों की साफ-सफाई करने के नाम पर उनकी माता जी के साथ धोखाधड़ी कर अभूषणों से सोने की चोरी की गयी। तहरीर के आधार पर *पुलिस द्वारा कोतवाली उत्तरकाशी पर अज्ञात के विरुद्ध धारा 303(2), 318 (4) BNS में धोखाधड़ी तथा चोरी का मामला पंजीकृत किया गया।*
मामले की गम्भीरता को देखते हुये *श्रीमती सरिता डोबाल, पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी* द्वारा पुलिस अधिकारियों को प्ररकण के अनावरण तथा अभियुक्त की गिरफ्तारी के सम्बन्ध में जरुरी दिशा-निर्देश दिये गये। मामले की विवेचना उ0नि0 विनोद पंवार के सुपुर्द की गयी ।
*पुलिस उपाधीक्षक उत्तरकाशी श्री जनक सिंह पंवार* के निकट पर्यवेक्षण तथा *प्रभारी निरीक्षक कोतवाली श्रीमती भावना कैंथोला* के नेतृत्व में कोतवाली उत्तरकाशी पुलिस की टीम द्वारा उक्त मामले में त्वरित कार्यवाही करते हुये पतारसी-सुरागरसी तथा सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन करते हुये जानकारी जुटाकर *मात्र 2-3 घण्टे के अन्दर घटना का सफल अनावरण कर मामले में संलिप्त अन्तर्राजीय गिरोह के 03 अभियुक्त पवन सोनी, खन्तर मण्डल तथा संजय कुमार को कल 18.09.2025 की सायं को उत्तरकाशी बस अड्डे के पास स्थित एक होटल से गिरफ्तार किया गया। जिनके कब्जे से चोरी की घटना में प्रयुक्त कैमिकल तथा अन्य सामग्री बरामद की गयी है।* पुलिस द्वारा उक्त मामले में BNS की धारा 61(2) व 317(2) की बढोतरी की गयी है।
पूछताछ में अभियुक्तों के द्वारा बताया गया कि वह पुराने आभूषणों की साफ-सफाई के नाम पर लोगों का सोना चोरी करते हैं, अभूषणों की सफाई करते समय कैमिकल का प्रयोग कर गहनों से सोना उतार लेते हैं और बाकी बचे हुये मेटल पर हल्दी रंग का कैमिकल चढाकर वापस कर देते हैं तथा लोगों को 1 घण्टे बाद अपने गहनों को देखने को कहते हैं। जब तक लोग अपने गहनों को खोलकर चैक करते हैं तब तक हम काफी दूर निकल जाते हैं। इसी प्रकार हम तीनों धोखाधड़ी कर सोना चोरी करते हैं।
*अभियुक्त बहुत ही शातिर प्रवृत्ति के हैं, पूर्व में भी अभियुक्त खन्तर मण्डल व पवन सोनी के विरुद्ध पौडी गढवाल के थाना रिखणीखाल व सतपुली में धोखाधडी व संगठित अपराधों के मामले पंजीकृत हैं। पौड़ी पुलिस द्वारा दोनों अभियुक्तों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट मे कार्रवाई की गयी है।* अभियुक्तों के और अधिक आपराधिक इतिहास की जानकारी खंगाली जा रही है। मामले में अग्रिम विधिक कार्यवाही जारी है, आज अभियुक्तों को मा0 न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा।
घटना का सफल अनावरण व अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम की सराहना करते हुये *श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदया उत्तरकाशी द्वारा टीम को 5000 रु0 के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।*
*गिरफ्तार अभियुक्त-*
1- पवन सोनी पुत्र उमेद शाह निवासी कोल बड़ा पोस्ट ऑ0 मेहरमा, गौण्डा झारखण्ड उम्र- 38 वर्ष।
2- खन्तर मण्डल पुत्र स्व0 जग्गू मण्डल निवासी 05 नं0 सीज मदारीचक मनोहर पुर मनिहारी कटिहार बिहार उम्र- 34 वर्ष।
3- संजय कुमार शाह पुत्र नागेश्वर शाह निवासी जमुनिया तुलसीपुर भागलपुर बिहार उम्र- 39 वर्ष।
*बरामद माल-*
1- सुनहरे रंग के तरल पदार्थ युक्त आधी भरी हुयी 3 बोतल
2- हल्दीनुमा पाउडर की 3 डिब्बी
3- पिताम्बरी साइनिंग पाउडर के 3 पाउच
4- 4 टिन के बाउल
5- 3 टिपिन भिगोई रुई युक्त
6- 12 लकड़ी के ब्रश
7- 1 प्लास्टिक का डिब्बा तरल पदार्थ युक्त
8- माचिस,लाइटर आदि
*पुलिस टीम-*
1- उ0नि0 विनोद पंवार
2- हे0 कानि0 संजय सैनी
3- हे0कानि0 रणजीत कुमार
4- कानि0 नीरज रावत
5- कानि0 सुनील मैठाणी
6- कानि0 प्रेमलाल
*उत्तरकाशी प्रशासन की संपूर्ण खबरों के लिए देखिए GANGA 24 EXPRESS पर महेश बहुगुणा & टीम के साथ= 8126216516*
स्वास्थ्य विभाग उत्तरकाशी
18 सितंबर 2025
> *"दिनांक 17 सितंबर से 02 अक्टूबर 2025 तक जनपद में नियमित रूप से संचालित किया किए जाएंगे स्वास्थ्य शिविर - डॉ बी एस रावत"*
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बी एस रावत द्वारा बताया गया कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के जन्मदिवस के उपलक्ष में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनपद में 17 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2025 तक चलाए जाने वाले *"स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान"* कार्यक्रम के तहत नियमित रूप से जनपद में स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे है। उनके द्वारा बताया गया कि स्वास्थ्य शिविरों में आतिथि तक जनपद में कुल 2898 ओ पी डी देखी गई जिनमें 1434 लोगों की हाइपरटेंशन, 1217 लोगों की शुगर,102 लोगों की सर्वाइकल कैंसर, 300 लोगों की ब्रेस्ट कैंसर, 422 लोगों की ओरल कैंसर, 683 लोगों की एनीमिया की स्क्रीनिंग की गई जबकि 321 का टीकाकरण, 195 लोगों की टी बी जांच की जा चुकी है। स्वास्थ्य शिविर में 18 आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं । मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा बताया गया कि जनपद में अभी तक 193 लोगों द्वारा रक्तदान हेतु पंजीकरण किया गया जिनमें से 5 रक्तदाताओं द्वारा रक्तदान किया जा चुका है एवं शेष द्वारा आगामी आने वाले दिनों में रक्तदान किया जाएगा। 36 लोगों द्वारा निक्षय मित्र बनने हेतु शपथ ली गई।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जानकारी दी कि "स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान" के तहत कल 19 सितंबर को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डुंडा में वृहद स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाएगा जिसमें जिला चिकित्सालय के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा लोगों की स्वास्थ्य जांच एवं परामर्श के साथ आवश्यक दवाइयां निःशुल्क वितरित की जाएंगी। इसके अतिरिक्त स्वास्थ शिविर में समाज कल्याण विभाग के सहयोग से दिव्यागजनों को दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। साथ ही उनके द्वारा जानकारी दी गई कि पुनः चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है इसको देखते हुए दोनों धामों पर पड़ने वाली चिकित्सा इकाइयों प्रा0स्वा0केंद्र गंगोत्री, हर्षिल, जानकीचट्टी, एवं प्रा0स्वा0के0 राणाचट्टी में चारधाम यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान किए जाने के उद्देश्य से उक्त अभियान के तहत कल 19 सितंबर को वृहद स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे
🟢🟢 *अपर जिलाधिकारी महोदया मुक्ता मिश्र द्वारा दिनांक 18.09.2025* को पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस ब्रह्मखाल में एनएच एक्ट 1956 की धारा 3C के तहत एनएच 34 के ग्राम जयपुर, गेंवला, पनोथ, हरेथी (तहसील डुण्डा के अंतर्गत) तथा बडकोट (तहसील बडकोट के अंतर्गत) मे अर्जन/अधिग्रहण की गई काश्तकारों की भूमि पर चल रहे भूस्खलन से संबंधित कार्य के दृष्टिगत संबंधित काश्तकारों की आपत्तियों की सुनवाई की गई।
🟢🟢 उक्त बैठक के दौरान तहसीलदार डुण्डा, नायब तहसीलदार डुण्डा, नायब तहसीलदार बड़कोट, ए०ई० एनएच बड़कोट ,संबंधित ग्रामों के ग्राम प्रधान एवं जिला पंचायत सदस्य गेवला भी उपस्थित रहे। की
स्वास्थ्य विभाग उत्तरकाशी
19 सितंबर 2025
> *स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डुंडा में वृहद चिकित्सा शिविर का आयोजन।*
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डुंडा में शुक्रवार को वृहद विशेषज्ञ चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का विधिवत शुभारंभ ब्लॉक प्रमुख श्री राजदीप परमार एवं क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधियो की उपस्थित में रिबन काटकर किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बी एस रावत, समाज कल्याण अधिकारी श्री सुधीर जोशी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बी एस पांगती, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ अभिषेक शर्मा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक एन एच एम हरदेव राणा आदि उपस्थित रहे।
शिविर में जिला चिकित्सालय के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा स्थानीय लोगों की स्वास्थ्य जाँच की और आवश्यक परामर्श, उपचार वा निशुल्क दवाईयां वितरित की गई। शिविर में किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत किशोरियों को काउंसलिंग के साथ - साथ सेनेटरी नेपकिन भी निःशुल्क वितरित किए गए। शिविर में ब्लॉक प्रमुख द्वारा राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत निक्षय मित्र बनकर 30 टी बी के मरीजों को गोद लिया गया जिन्हें उनके द्वारा 6 माह तक पोषण किट प्रदान की जाएगी।
शिविर में समाज कल्याण एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में दिव्यांग शिविर भी आयोजित हुआ, जिसमें 10 दिव्यांगजनों को दिव्यांग प्रमाण पत्र निर्गत किए गए तथा दिव्यागजनों को सहायक उपकरण भी वितरित किए गए। शिविर में बड़ी संख्या में लाभार्थियों ने पहुँचकर स्वास्थ्य सेवाओं का समुचित लाभ उठाया।
इसी कड़ी में जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में स्वास्थ्य सेवा पखवाड़े के साथ विश्व सर्पदंश दिवस का आयोजन किया गया जिसमें सभी वक्ताओं द्वारा सर्पदंश के उपरांत बरती जाने वाली सावधानियों को विस्तारपूर्वक बताया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा बताया गया कि जनपद में आज आर बी एस व आर के एस के की टीमों द्वारा 605 बच्चों की हीमोग्लोबिन जांच के साथ काउंसलिंग की गई तथा 227 लोगों द्वारा रक्तदान किए जाने हेतु पंजीकरण किया गया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के तहत जनपद में प्रत्येक दिन शिविरों का आयोजन किया जा रहा है इसी क्रम में आज जनपद में वृहद विशेषज्ञ चिकित्सा शिविर डुंडा के अतिरिक्त 04 चिकित्सा शिविर वा दोनों धामों के चारधाम यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली चिकित्सा इकाइयों जानकीचट्टी, राणाचट्टी, हर्षिल वा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गंगोत्री में भी आमजन तथा चारधाम यात्रियों हेतु स्वास्थ्य सेवा शिविरों का आयोजन किया गया जिसमें सभी लोगों द्वारा बढ़चढकर भाग लिया गया।
*उत्तरकाशी 19 सितम्बर, 2025* जिला पूर्ति अधिकारी ने अवगत कराया की सोमवार मूसलाधार वर्षा के चलते ऋषिकेश धरासू व मसूरी-सुवाखोली मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण जनपद में दैनिक उपयोग की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति धीमी हुई थी, जो वर्तमान समय में क्षतिग्रस्त मार्गों के यातायात सुचारु होने से निरंतर प्राप्त होने लगी हैl वर्तमान समय में जनपद में किसी भी दैनिक आवश्यक वस्तु का अभाव नहीं है l आपका आपदाग्रस्त क्षेत्र में भी दैनिक उपयोग की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखने हेतु सभी स्तरों पर निरंतर प्रयास जारी हैं l जनपद के सभी पेट्रोल पंप, गैस एजेंसीयों को पर्याप्त स्टॉक /आपूर्ति बनाए रखने के निर्देश भी जारी किए गए हैं l
Daily Rain & Weather Status | 19-09-2025*
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🌧️ *Rainfall (Tehsil-wise, mm)*
*HQ* –00.00 | *Bhatwari* 00.00 | *Dunda* –00.00 | *Chinyalisaur* –00.00 | *Barkot* –00.00 | *Purola* 00.00 | *Mori* –08.00
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🌦️ *Weather Condition*
☀️🌤 "Scattered Clouds and Sunshine Across the District"
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*🚧 Road Status*
1️⃣ *Gangotri NH –* ✅The road from Nagun-Chinyalisour to Gangotri is clear.
2️⃣ *Yamunotri NH –*✅ Open for traffic, no blockage reported.
3️⃣ *Barkot–Damta–Vikasnagar Road –* ✅ Open for traffic, no blockage reported.
4️⃣ *Uttarkashi–SuwaKholi–Dehradun Road –* ✅ Open for traffic, no blockage reported.
5️⃣ *Uttarkashi–Lambgaon Road –* ✅ Open, no closure reported.
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*🌊 River Level Status (m)*
*Bhagirathi →* Current: 1119.22| ⚠️ Alert: 1122.00 | 🚨 Danger: 1123.00
*Yamuna →* Current: 1058.53 | ⚠️ Alert: 1058.50 | 🚨 Danger: 1060.00
*Tons →* Current: 1266.75 | ⚠️ Alert: 1266.78 | 🚨 Danger: 1268.00
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📌 *District Emergency Operation Centre (DEOC), Uttarkashi ***
*International Day of Democracy — अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस*
*“लोकतंत्र जनता का, जनता के लिये, जनता द्वारा है।”*
~ अब्राहम लिंकन
हर साल 15 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र और उसके सदस्य देश अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस मनाते हैं। यह दिन हमें दुनियाँ भर में लोकतंत्र की स्थिति पर विचार करने के लिये प्रेरित करता है।
15 सितंबर 2007 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बढ़ावा देने के लिये अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस घोषित किया। उन्होंने सभी सदस्य देशों और संगठनों से इस दिन को इस तरह मनाने का भी आग्रह किया जिससे जन जागरूकता बढ़े।
*स्वतंत्रता के मूल्य और मानवाधिकारों के प्रति सम्मान, लोकतंत्र के महत्वपूर्ण अंग हैं।*
*लोकतंत्र में, मानव अधिकारों की रक्षा एक प्राकृतिक वातावरण में होती है। लोकतंत्र में सभी के लिये समान भागीदारी और समान व्यवहार शामिल है। शांति और सतत विकास भी लोकतंत्र के अत्यंत महत्वपूर्ण तत्व हैं।*
❗️ *लोकतंत्र दिवस की आवश्यकता* ‼️
अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस मानवाधिकार, समानता और संघर्ष समाधान जैसे वैश्विक मुद्दों पर पुनर्विचार करने का अवसर प्रदान करता है। यह हमारी अपनी स्वतंत्रता पर चिंतन करने के साथ-साथ उन लोगों को भी याद करने का अवसर है जो कम भाग्यशाली हैं।
अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस लोकतंत्र में जन भागीदारी के महत्व पर जोर देता है, साथ ही लोगों को अधिक प्रतिनिधि सरकार के लिये मिलकर काम करने हेतु प्रोत्साहित और प्रेरित करता है।
*लोकतंत्र के 5 आधारभूत लाभ*
*नागरिकों के हितों की रक्षा*
लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोग अपनी रुचि के अनुसार मतदान करते हैं।
*कानून की नजर में सभी लोगों की समानता की रक्षा करना*
लोकतंत्र समाज के सभी वर्गों के लोगों सहित सभी को कानून के समक्ष समान होने की शक्ति देता है।
*सत्ता के दुरुपयोग को रोकना*
लोकतंत्र किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध सत्ता के प्रयोग को रोकता है, व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा करता है और सभी की स्वतंत्रता की रक्षा करता है। लोकतंत्र में सत्ता का बँटवारा होने से सूचना का मुक्त प्रवाह होता है।
लोकतंत्र में ऐसे नियम और कानून होते हैं जो स्थिरता प्रदान करते हैं और
*मानवाधिकारों की रक्षा*
लोकतंत्र समाज में स्थिरता प्रदान करके मानवाधिकारों का हनन रोकता है। लोकतंत्र का एक प्रमुख सिद्धांत यह है कि कानून की नज़र में सभी समान हैं। लोकतंत्र न केवल बहुसंख्यकों के बल्कि व्यक्तिगत मानवाधिकारों का भी सम्मान करता है।
*देश में आंतरिक शांति स्थापित करना*
लोकतंत्र देश में शांति और सद्भाव बनाये रखने में मदद करता है क्योंकि इसमें सत्ता का समान वितरण होता है। इससे नागरिकों और सांसदों को सूचना का पारदर्शी और मुक्त प्रवाह स्थापित करने में मदद मिलती है।
ऐसा माना जाता है कि लोकतंत्र का जन्म 508 ईसा पूर्व ग्रीस में हुआ था।
लोकतंत्र दो ग्रीक शब्दों से बना है : *डेमोस = लोग और क्रेटोस = शासन।*
प्रतिनिधि लोकतंत्र निर्वाचित प्रतिनिधियों से बनता है जो मतदान करते हैं, जबकि प्रत्यक्ष लोकतंत्र सभी को महत्वपूर्ण मामलों पर मतदान करने की अनुमति देता है।
एक लोकतांत्रिक सरकार से अपेक्षा की जाती है कि वह भ्रष्टाचार मुक्त और जनता के हित में कार्य करे।
लोकतांत्रिक प्रणाली बहुत सफल है लेकिन बड़ी आबादी में इसे प्रबंधित करना कठिन है।
*इस अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर आइये डेमोक्रेटिक इंडेक्स स्कोर पर नजर डालें*
लोकतांत्रिक सूचकांक स्कोर की गणना करते समय मुख्यतः पाँच श्रेणियों को ध्यान में रखा जाता है। ये श्रेणियाँ निम्नलिखित हैं :
*डेमोक्रेटिक इंडेक्स स्कोर*
इस अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर, आइये हम 5 सर्वाधिक लोकतांत्रिक देशों पर नजर डालें। निम्नलिखित देश विश्व के सबसे लोकतांत्रिक देश हैं।
*देश* *लोकतांत्रिक सूचकांक*
नॉर्वे — 9.87%
आइसलैंड — 9.58%
स्वीडन — 9.39%
न्यूज़ीलैंड — 9.26%
फिनलैंड — 9.25%
उपरोक्त देश वे शीर्ष 5 देश हैं जिनका लोकतांत्रिक सूचकांक सबसे ऊँचा माना जाता है। हालाँकि भारत को दुनियाँ का सबसे बड़ा लोकतंत्र माना जाता है लेकिन ऊपर दिये गये इन 5 देशों का लोकतांत्रिक सूचकांक सबसे ऊँचा है।
*लोकतंत्र का वैश्विक ह्रास*
अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर आइये देखें कि विश्व में लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व किस प्रकार किया जाता है।
पिछले कुछ वर्षों में विश्व लोकतंत्र की चिंताजनक स्थिति लोकतंत्र की वैश्विक गिरावट को दर्शाती है।
बुनियादी मानवाधिकारों से संबंधित हालिया मुद्दे लोकतंत्र में गिरावट और भारी गिरावट को दर्शाते हैं।
*लोकतंत्र में गिरावट का सबसे अधिक प्रभाव चुनावी प्रक्रियाओं पर पड़ रहा है, उसके बाद अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों पर।*
वर्ष 2020 में, जब विश्व एक घातक वायरस, आर्थिक और भौतिक अस्थिरता तथा हिंसक संघर्ष से त्रस्त था, लोकतंत्र के रक्षकों को सत्तावादी विरोधियों के खिलाफ अपनी लड़ाई में महत्वपूर्ण अतिरिक्त असफलताओं का सामना करना पड़ा, जिससे अंतर्राष्ट्रीय संतुलन अत्याचार के पक्ष में झुक गया।
दीर्घकालिक लोकतांत्रिक पतन के परिणाम तेज़ी से वैश्विक होते जा रहे हैं और इसका असर सबसे क्रूर तानाशाही शासन में रहने वालों और लंबे समय से स्थापित लोकतंत्रों के निवासियों, दोनों पर पड़ रहा है।
पिछले साल, दुनियाँ की लगभग 75% आबादी ऐसे देश में रहती थी जिसकी हालत बिगड़ रही थी। इस निरंतर गिरावट के परिणामस्वरूप, लोकतंत्र की अंतर्निहित कमज़ोरी के आरोप सामने आये हैं।
हमें भागीदारी के महत्व और प्रभावकारिता को याद रखना चाहिये। सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि नागरिकों को सार्थक तरीके से भागीदारी का अवसर मिले।
❓️ *विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में लोकतंत्र क्यों महत्वपूर्ण है* ⁉️
हाल ही में अधिकांश टिप्पणियाँ इस बात पर केन्द्रित रही हैं कि किस प्रकार भारत के संविधान के निर्माण के बाद, देश उद्योग-आधारित आर्थिक "विकास" के लोकाचार, जो असमानता को बढ़ावा देता प्रतीत होता है, तथा समाजवाद के लोकाचार, जिसका उद्देश्य अपने नागरिकों के बीच सामाजिक-आर्थिक समानता प्राप्त करना है, के बीच संतुलन बनाने के लिए संघर्ष कर रहा है।
यदि भारत प्रत्यक्ष लोकतंत्र या राष्ट्रपति प्रणाली की शासन प्रणाली के कुछ घटकों को अपनाने से लाभान्वित हो सकता है, तो यह सार्वजनिक बहस का विषय हो सकता है। राजनीति और विशाल पूँजी को अलग करने का एक प्रभावी तरीका अपनाना, साथ ही भ्रष्टाचार से निपटने के लिए प्रभावी रणनीतियाँ तैयार करना, सही व्यक्तियों के लिए चिंता का विषय हो सकता है। यह निर्विवाद है कि इनमें से किसी भी या इसी तरह के सार्वजनिक क्षेत्र के कार्यों को लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को बाधित करने या लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिये।
यह मानने के पूरे कारण हैं कि भारत जैसे विविधतापूर्ण समाज में विभिन्न समूहों, राजनीतिक दलों, क्षेत्रों और संस्थाओं के बीच निरंतर रस्साकशी चलती रहेगी, और यह उम्मीद करना कि भारत तुरंत, अगर कभी बनेगा भी, तो अवास्तविक है। देश की व्यापक लोकप्रियता और वैधता को देखते हुए, भारत संभवतः राजनीतिक और सामाजिक मान्यताओं के आधार पर अपेक्षाकृत लोकतांत्रिक और अपेक्षाकृत अनुदार, दोनों ही रूपों में विकसित होता रहेगा। दूसरी ओर, भारत का लोकतंत्र और संवैधानिक व्यवस्था मज़बूत और लचीली बनी रहेगी।
...और इस अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर, हम आप सभी से आग्रह करते हैं कि आप अब्राहम लिंकन के प्रसिद्ध वाक्यांश के अनुसार लोगों के अधिकारों के लिये खड़े हों —
“लोकतंत्र जनता का, जनता के लिये, जनता द्वारा है।”
~ अब्राहम लिंकन
अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
Today 15 September is observed as INTERNATIONAL DAY OF DEMOCRACY. The day is celebrated annually around the world to strengthen democracies and highlight its values and principles. Democracy is a form of government that functions with the equal participation of all citizens of a country.
The International Day of Democracy was established after a resolution was passed by the United Nations General Assembly in 2007. According to the Inter-Parliamentary Union (IPU), the resolution was geared towards strengthening and consolidating democracy. The International Day of Democracy was first celebrated in 2008 and since then, numerous parliamentary events have been organised worldwide.
*The idea of celebrating the International Day of Democracy stems from the Universal Declaration on Democracy. It was adopted by the Inter-Parliamentary Council in its 161th session on 16 September 1997.*
According to the Inter-Parliamentary Union, the key elements of democracy include holding free and fair elections at regular intervals and enabling people to express themselves. The elections in a democracy must be based on universal, equal, and secret suffrage to ensure that all citizens choose their representatives in conditions of openness, equality, and transparency that stimulate political competition.
In a democracy, political and civil rights along with the right to vote and the right to be elected are essential. Other features of democracy include the right to freedom of expression and assembly, the right to organise political parties, access to information, and the right to carry out political activities.
Public accountability must be ensured in a democracy. It applies to everyone who holds a public authority, both elected and non-elected, and to all public bodies without exception. The participation of individuals in democratic processes and public life must be done in an impartial manner without any discrimination.
According to UNESCO, the International Day of Democracy serves as an opportunity to assess the state of democracies in the world. It also gives a chance to highlight the crucial role of parliaments and to celebrate their capability to deliver justice, development, human rights, and peace.
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*🇮🇳 JaiHind 🇮🇳*
🪔 *Martyrs of URI, the Line of Control, India* 🪔
🪔 *2016 में नियंत्रण रेखा के पास स्थित उरी सेक्टर में भारतीय थलसेना के स्थानीय मुख्यालय पर आतंकवादी हमला* 🪔
18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास स्थित भारतीय थलसेना के स्थानीय मुख्यालय पर आतंकवादी हमला हुआ था जिसमें 19 जवान शहीद हो गये थे।
इस भीषण आतंकवादी हमला में भारतीय सेना के 19 जवान शहीद हो गये थे। उरी अटैक की सातवीं बरसी से ठीक पहले जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में एक और आतंकी हमला हुआ। इन जख्मों के पीछे है बॉर्डर पार से भेजा जाने वाला आतंकवाद है जो वर्तमान प्रधानमंत्री के बयानबाजी के बावजूद बद्किश्मती से अब भी बद्दस्तूर जारी है।
Salutes to the *Martyrs of URI Terrorists Attack on this Day on 18 September 2016,* when there was an attack by four heavily armed terrorists near the town of Uri in the Indian former state of Jammu and Kashmir. It was reported as "the deadliest attack on security forces in Kashmir in two decades". The terrorist group Jaish-e-Mohammed was involved in the planning and execution of the attack. At the time of the attack, the Kashmir Valley region was a centre of unrest.
At around 5:30 a.m. on 18 September, four terrorists attacked an Indian Army brigade headquarters in Uri, near the Line of Control in a pre-dawn ambush. They were said to have lobbed 17 grenades in three minutes. As a rear administrative base camp with tents caught fire, 17 army personnel were killed during the attack. An additional 19-30 soldiers were reported to have been injured. A gun battle ensued lasting six hours, during which all the four militants were killed. Combing operations continued to flush out additional terrorists thought to be alive.
Most of the soldiers killed were from the *10th battalion, Dogra Regiment (10 Dogra) and 6th battalion, Bihar Regiment (6 Bihar).* One of the injured soldiers succumbed to his injuries on 19 September at RR Hospital in New Delhi, followed by another soldier on 24 September, bringing the death toll to 19.
The casualties were primarily believed to have occurred as a result of non-fire retardant transition tents. This was the time of a troops shift, whereby troops from 6 Bihar were replacing troops from 10 Dogra. The incoming troops were housed in tents, which are normally avoided in sensitive areas around the LoC like Uri. The attackers snuck into the camp breaching heavy security and seemed to know exactly where to strike. Seven of the personnel killed were support staff, including cooks and barbers .⚛️ 🔯 ✡️ 🕉️ ✡️ 🔯 ⚛️
🇮🇳 🗳 *"NOTA" — ‘None of the Above’* 🗳 🇮🇳
🗳 *NOTA - 'None Of The Above' on EVM came into effect from 11th October 2013. It enables electors to exercise their right not to vote for any candidate.* 🇮🇳
*Symbol of NOTA was released by The ECI on 18 September 2015* 🗳
🗳 *नकारात्मक मतदान की अवधारणा — NOTA नोटा* 🇮🇳
*18 सितम्बर 2015 को भारत निर्वाचन आयोग ने नोटा (NOTA) के लिये प्रतीक चिन्ह जारी किया था।*
वर्ष 1999 में विधि आयोग ने अपनी 170वीं रिपोर्ट में 50%+1 मतदान प्रणाली के साथ-साथ नकारात्मक मतदान की अवधारणा की वकालत की , लेकिन अवास्तविक पुष्टि के कारण इस मामले पर कोई अंतिम मत नहीं दिया गया।
सितंबर 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने भारत के निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को गोपनीयता की सुरक्षा के उपाय के रूप में नोटा विकल्प पेश करने का निर्देश दिया।
पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़ (पीयूसीएल) ने वर्ष 2004 में ओलंपिक के 'गोपनीयता के अधिकार' की रक्षा की माँगों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी।
पीयूसीएल ने तर्क दिया था कि इलेक्ट्रॉनिक्स के संचालन नियम, 1961 में पीसीआईसीन अधिकारी (ईसीआई से) के रूप में मूल्यांकनकर्ताओं का उल्लंघन किया गया था, वोट का विकल्प चयन, हस्ताक्षर या अँगूठे के निशान के साथ रिकॉर्ड नहीं किया गया था ।
*नोटा का अर्थ*
नोटा का पहली बार प्रयोग वर्ष 2013 में पाँच राज्यों छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान, दिल्ली और मध्य प्रदेश की विधानसभाओं में किया गया था और उसके बाद वर्ष 2014 में लोकसभा के आम चुनाव में किया गया था ।
वर्ष 2013 में पीयूसीएल बनाम भारत संघ मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद लुभावनी प्रक्रिया को शामिल किया गया था।
यदि NOTA को सबसे अधिक मत प्राप्त हो तो क्या होगा?
भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स आयोग ने स्पष्ट किया कि नोटा के रूप में डाले गये वोटों की गिनती होती है लेकिन उन्हें 'अमान्य वोट' माना जाता है।
यदि NOTA को किसी भी चुनावी क्षेत्र में सबसे अधिक मत प्राप्त हो तो ऐसी स्थिति में दूसरे अधिक वोट पाने वाले अगले दावेदार को विजेता घोषित किया जाता है। दरअसल नोटा को दिये गये मत चुनाव के नतीजों में शामिल नहीं हैं ।
हालाँकि, सर्वोच्च न्यायालय नोटा की स्थिति में सबसे अधिक मत की बैठक में दिशा-निर्देश/नियमों की माँग करने वाली एक याचिका पर विचार किया जा रहा है जिसमें चुनाव को रद्द करना और नये चुनाव की प्रस्तावना भी शामिल है।
महाराष्ट्र, हरियाणा और पुद्दुचेरी जैसे कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे पहले नोटा को "कल्पनिक चुनावी दावेदारी" घोषित किया जाता है जहाँ नोटा को बहुमत की बैठक में फिर से चुना जाता है।
❗️ *नोटा से संबंधित ऐतिहासिक निर्णय* ‼️
*लिली थॉमस बनाम स्पीकर, 1993*
सुप्रीम कोर्ट का मानना था कि "मतदान किसी व्यक्ति द्वारा किसी भी विषय या मुद्दे पर अधिकार का प्रयोग करने के लिए इच्छा या राय की अभिव्यक्ति की अभिव्यक्ति है" और मत देना किसी भी व्यक्ति द्वारा किसी भी विषय या मुद्दे के पक्ष में या उसके खिलाफ अधिकार का प्रयोग करने का अधिकार है।
ऐसा अधिकार तटस्थ रहने का अधिकार भी शामिल है।
यह मतपत्रों और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) पर मतदान का एक विकल्प है जो किसी भी उम्मीदवार को बिना सभी नामांकितों के प्रति अपनी अवांछनीय दर्शन की अनुमति देता है ।
नोटा वोटिंग के प्रति अपने नकारात्मक विचार और वैज्ञानिकों के प्रति समर्थन की कमी को व्यक्त करने का अधिकार देता है।
यह उन्हें अपने निर्णय की गोपनीयता बनाये रखने का अधिकार देता है।
*फ़्लोरिडा की पसंद को फिर से दर्ज किया गया है*
नोटा विकल्प में मतपत्र में सभी रेज़्यूमे को ठीक करने की क्षमता उन्हें संस्थायें प्रदान करती हैं जिससे वे उपलब्ध विकल्पों के प्रति अपना असिस्टेंट वैश्वीकरण कर सकते हैं।
*बड़े पैमाने पर हुई राजनीतिक साज़िशें*
NOTA का सिद्धांत राजनीतिक सिद्धांतों और विचारधारा को बेहतर, अधिक सक्षम और अधिक नैतिक सिद्धांतों को मैदान में दाखिल करने के लिए मजबूर किया जाता है, क्योंकि विचारधारा के सिद्धांतों पर उन्हें वोट गुट का ज़ोखिम होता है।
*जातीय असन्तुलन की पहचान*
नोटा वोट से लेकर चुनाव आयोग और राजनीतिक आश्रम तक के असन्तोष के स्तर के बारे में असंतोष मिल सकता है, जिसका समाधान किया जा सकता है।
*तर्क के विरुद्ध नोटा विकल्प*
*व्यावसायिक मूल्य का नहीं होना*
नोटा वोट केवल दर्शाये गये हैं और चुनाव के परिणामों को प्रभावित नहीं करते हैं। खैर नोटा को बहुमत प्राप्त हो फिर भी सबसे ज्यादा वोट शेयर वाला उम्मीदवार जीतता है।
*सिद्धांत की परिकल्पना*
ऐसी चिंतायें हैं कि नोटा विकल्प का उपयोग मौजूदा आधार को वास्तविक रूप से ठीक करने के लिए किया जा सकता है, इसके बजाय सिस्टम के खिलाफ विरोध व्यक्त किया जा सकता है।
*जातिगत वर्गीकरण*
कुछ मामलों में रेलवे इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में नोटा को मिले अधिक वोट कुछ शेयरधारकों के प्रति पूर्वाग्रह को नुकसान पहुंचाते हैं, जो नोटा के उद्देश्य को बेकार कर सकते हैं।
प्रतिनिधि लोकतंत्र को कमजोर करता है: नोटा विकल्प प्रतिनिधि लोकतंत्र के सिद्धांतों को कमजोर करता है, क्योंकि यह उम्मीदवार को स्पष्ट रूप से नामांकन प्रदान नहीं करता है।
इंदौर, मध्य प्रदेश के एक नॉमिनल चुनाव में एक उल्लेखनीय परिणाम देखने को मिला जिसमें नोटा (उपर्युक्त में से कोई नहीं) विकल्प को 2 लाख से अधिक मत प्राप्त हुआ जो किसी भी विद्युत क्षेत्र में नोटा के लिये अब तक का सर्वाधिक मत प्रतिशत है।
*राहुल गांधी के आरोपों के जवाब में आज चुनाव आयोग कह रहा है कि कोई व्यक्ति किसी और का नाम डिलीट नहीं करवा सकता है।*
*अब देखिये चुनाव आयोग का26 दिसम्बर 2019 का यह ट्वीट — 26 दिसम्बर 2019 को आयोग लोगों से आह्वान कर रहा था कि अगर उन्हें किसी का नाम कटवाना हो तो फॉर्म 7 भरके ऐसा करवा सकता है।*
झूठ बोलने वाले को अपनी पुरानी बात याद नहीं रहा करती है।
The ECI introduced a particular symbol for ‘None of the Above’ option to allow the voters to exercise NOTA. This symbol appears in the last panel on all Electronic Voting Machines (EVMs).
NOTA, or "None of the Above", is the option which enables the voter to officially register a vote of rejection for all candidates who are contesting. If a voter chooses to press NOTA it indicates that the voter has not chosen to vote for any of the party.
*On 27 September 2013, the Supreme court of India ruled that the right to register a "none of the above" vote in elections should apply, while ordering the Election Commission to provide a button for the same in the electronic voting machines.*
The ECI introduced a particular symbol for ‘None of the Above’ option to allow the voters to exercise NOTA. This symbol appears in the last panel on all Electronic Voting Machines (EVMs).
The main objective of the ‘NOTA’ option is to enable electors who do not wish to vote for any of the candidates to exercise their right to reject without violation of the secrecy of their decision. The voter must be eligible to register a vote of rejection if they feel that the contesting candidates do not deserve to be voted for. The Right to vote granted to all citizens must allow the vote of disapproval.
Before the introduction of EVMs, when voting was done through ballot papers, voters had the choice to put the ballot paper without marking against any candidate thus rejecting all candidates. This vote was counted as NOTA. All contesting candidates for a constituency had the option of filing Form 49-O at a voting booth but this compromised the secrecy of the ballot.
According to the Conduct of Elections Rules, 1961 rule 49-O says that “Elector deciding not to vote. If an elector after his electoral roll number has been duly entered in the register of voters in Form17A and has put his signature or thumb impression thereon as required under sub-rule (1) of rule 49L, decided not to record his 🗳 Vote a remark to this effect shall be made against the said entry in Form 17A by the presiding officer and the signature or thumb impression of the elector shall be obtained against such remark.”
Once the EVM's were introduced, there was no need to file Form 49-O anymore or take permission from the presiding officer.
*Previously CEC used to be appointed by Committee Consisting of PM, Supreme Court Justice and Leader of Opposition.*
And PM Modi has Changed it to PM, One Cabinet Minister and Leader Of Opposition.
Virtually CEC is appointed by PM himself because Minister is for nominal Sake and Vote of Opposition Leader will have no Value because of Majority 2- 1.
And many Provisions have been Changed and no action can be taken against CEC unless PM himself wants.
*That is The main reason why CECs are working like Private Secretary of PM and doing all Irregularities in Conducting Elections.*
🙏 🌹 📘 ✍️ 📘 🌹 🙏⚛️ 🔯 ✡️ 🕉️ ✡️ 🔯 ⚛️
🙏 *Aum Shanti* 🙏
😢 *"Ya Ali" fame Assamese singer Zubeen Garg Borthakur*
( Born : 18 November 1972- Died : 19 September 2025 )
😢 *"जाने क्या चाहे मन बावरा" सर्वश्रेष्ठ असमिया पार्श्वगायक ज़ुबीन गर्ग बोरठाकुर* 😢
( जन्म : 18 नवंबर 1972 - निधन : 19 सितंबर 2025 )
सुप्रसिद्ध असमिया गायक और सांस्कृतिक प्रतीक जुबीन गर्ग बोरठाकुर का सिंगापुर में एक दुखद स्कूबा डाइविंग दुर्घटना के बाद आज 19 सितंबर 2025 को निधन हो गया है।
😢 ऐसी खबरों पर सिर्फ़ रोया ही जा सकता है 😢
जुबीन गर्ग बोरठाकुर CAA के खिलाफ़ आंदोलन में असम के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सरकार के खिलाफ़ खड़े थे, सरकार से डरने वाले या सिर्फ़ खुद को मनोरंजन तक सीमित रखने वाले कलाकार नहीं थे जुबीन दा।
जुबीन गर्ग बोरठाकुर सिर्फ़ एक गायक नहीं बल्कि असम के लोगों की आवाज़ थे।
भूपेन हजारिका के बाद वर्तमान में जुबीन गर्ग बोरठाकुर निर्विवाद रूप से असम की सबसे बड़ी शख्सियत थे।
"जाने क्या चाहे मन बावरा" ये गीत जिसने भी सुना है वह इस शख्स जुबीन गर्ग बोरठाकुर की प्रतिभा को समझ सकता है।
असम के लोगों की सुबह दोपहर शाम तीनों हैं, जुबीन दा के गाने।
मेघालय के तुरा में 18 नवंबर 1972 को जन्मे ज़ुबीन गर्ग बोरठाकुर असम के सबसे प्रभावशाली गायकों में से एक बन गये थे। एक गायक-गीतकार, संगीतकार, अभिनेता और समाजसेवी जिन्होंने असमिया, हिंदी तथा बंगाली संगीत एवं फिल्म उद्योगों में काम किया था और 40 से ज़्यादा भाषाओं और बोलियों में गायन किया था।
रिपोर्टों के अनुसार, सिंगापुर पुलिस ने उन्हें समुद्र से बचाया और पास के एक अस्पताल में पहुँचाया। गहन चिकित्सा देखभाल के बावजूद ज़ुबीन गर्ग बोरठाकुर को डॉक्टर नहीं बचा नहीं सके।
बहु-गायक-वादक ज़ुबीन गर्ग बोरठाकुर ने मुंबई आने से पहले 1992 में असमिया एल्बम अनामिका से शुरुआत की थी। 2006 की फ़िल्म गैंगस्टर के गाने *"या अली"* से उन्हें देशव्यापी ख्याति मिली, जिसके लिये उन्हें सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का ग्लोबल इंडियन फ़िल्म अवार्ड मिला था।
Assamese Singer Zubeen Garg Borthakur, best known for Ya Ali, has died after a freak scuba diving accident in Singapore today on Friday 19 September 2025.
The passing of Zubeen Garg Borthakur is a terrible tragedy. His voice defined a generation, and his talent was truly unmatched.
Zubeen Garg Borthakur overcame personal tragedies to reshape the landscape of Assamese music. His perseverance and courage have left an enduring mark.
Zubeen Garg Borthakur will live on in our hearts and minds forever.
Zubeen Garg Borthakur was 52. The singer, who rose to fame in Assam in the 90s, became a household name nationally with the success of his song, Ya Ali, in 2006.
Assam Cabinet Minister Ashok Singhal confirmed the singer's death on social media today afternoon. “Deeply saddened by the untimely demise of our beloved Zubeen Garg. Assam has lost not just a voice, but a heartbeat. Zubeen da was more than a singer, he was the pride of Assam and the nation, whose songs carried our culture, our emotions, and our spirit to every corner of the world,” the minister posted on Twitter (now X).
“In his music, generations found joy, solace, and identity. His passing leaves behind a void that can never be filled. Assam has lost its dearest son, and India has lost one of its finest cultural icons. My heartfelt condolences to his family, friends, and countless fans. May his soul find eternal peace, and may his legacy continue to inspire forever. Om Shanti,” his tweet further read.
North East News reported that the singer was in Singapore taking part in scuba diving activity, when Zubeen Garg Borthakur fell into the sea. He was rescued and admitted to the ICU, where Zubeen Garg Borthakur later died. The singer was due to perform at the North East Festival in Singapore later today.
Born in 1972 in Meghalaya, Zubeen Garg Borthakur was an Assamese singer whose real name was Zubeen Borthakur. He adopted his stage name by replacing his last name with his gotra, Garg, in the 90s. In 2006, he sang Ya Ali from the film Gangster. The chartbuster's success made him a nationwide success, leading to several Bollywood hits over the years, including Subah Subah and Kya Raaz Hai.
Zubeen Garg Borthakur primarily worked for and sang in the Assamese, Bengali and Hindi-language film and music industries, but sang in over 40 languages and dialects. He was reported to be Assam's highest-paid singer for many years.
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